नरगोड़ा सरपंच की कुर्सी गई, अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 17 पंचों ने दिए वोट, सभी 20 पंचों ने आवेदन में लगाया था अनियमितता का आरोप…@

बिलासपुर (रियाज़ अशरफी) प्रस्ताव में नरगोड़ा की महिला सरपंच फूल बाई प्रजा खरे की कुर्सी गिर गई है। सरपंच को हटाने पंचायत के सभी पंचों ने मस्तूरी एसडीएम को लिखित शिकायत की थी। पीठासीन अधिकारी के रूप में उपस्थित सीपत तहसीलदार के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 17 मत और विपक्ष को 4 मत मिले। अविश्वास पारित होने के बाद सरपंच को पदमुक्त कर दिया गया है।
मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत नरगोड़ा के सभी 20 पंचों ने उप सरपंच ओम प्रकाश सूर्यवंशी के नेतृत्व में 18 जुलाई को मस्तूरी के तत्कालीन एसडीएम महेश शर्मा को सरपंच फूल बाई खरे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने लिखित आवेदन दिया था। सरपंच पर मूलभूत की राशि में गड़बड़ी, शासकीय भूमि पर कब्जा, तालाब में स्वीकृत पचरी का निर्माण नहीं कराने, पंचायत बैठक नहीं करने, शासन से प्राप्त विभिन्न मद के लाखों की राशि का आहरण कर गबन समेत कई आरोप लगाए गए थे। मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए एसडीएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने सीपत तहसीलदार डॉ. सिद्धि गवेल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था।
वोटिंग प्रक्रिया से पूर्व पीठासीन अधिकारी तहसीलदार डॉ. सिद्धि गवेल ने नियमानुसार बंद कमरे में चर्चा सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें सरपंच सहित सभी 20 पंचों ने भाग लिया। इसके बाद मतदान हुए, जिसमें अविश्वास के पक्ष में 17 मत और विपक्ष को कुल 4 मत मिले। इस तरह नरगोड़ा सरपंच शफूलबाई खरे के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। सरपंच अपनी कुर्सी नही बचा पाई। मतदान में पंच अमित कुमार सांडे, ईश्वरी खरे, त्रिलोकीनाथ खत्री, परमेश्वर विश्वकर्मा, लक्ष्मी मगर, मनीषा भोंसले, रामगोपाल उपाध्याय, कविता गढ़वाल, रामशरण गढ़वाल, सुनीता भारद्वाज, संजीत कुमार, प्रभात पुरी, पंच कुमारी यादव, इंदु शिंदे, रामरतन विंझवार, भगवती धनुहार, जमुनाबाई खरे, अर्जुन केवरा और रूखमणी गढ़वाल सहित सभी ने हिस्सा लिया।