सैय्यद मूसा शहीद का 95वां सालाना उर्स कल जुटेंगे प्रदेश भर के जायरीन…@

सूफियाना रंग में रंगेगा रतनपुर, कव्वाली में गूंजेगी छोटे मजीद शोला की आवाज़
कशिश न्यूज़| सीपत
रौशनियों, अकीदतमंदों और सूफियाना कलामों से रतनपुर एक बार फिर जगमगाने को तैयार है। शनिवार रात 9 बजे से रतनपुर के जूना शहर स्थित हज़रत सैय्यद मूसा शहीद रहमतुल्लाह अलैह की मजार पर 95वां सालाना उर्स-ए-पाक पूरे अकीदत और शानो-शौकत के साथ मनाया जाएगा। जहाँ प्रदेश भर के जायरीनों की भीड़ उमड़ने की संभावना है।

छोटे मजीद शोला की कव्वाली से सजेगी महफिल
हर साल की तरह इस बार भी उर्स की शब में सूफियाना रंग जमने वाला है। महफिल में मुंबई से आए इंटरनेशनल कव्वाल छोटे मजीद शोला अपने कलामों से समां बांधेंगे। मजीद शोला की खासियत यही है कि उनका सुर, लहजा और अंदाज़ श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देता है। यही वजह है कि अकीदतमंदों को उनकी पेशकश का बेसब्री से इंतज़ार रहता है।
सियासी रंग भी रहेगा खास
कार्यक्रम में इस बार प्रदेश की राजनीति के भी चर्चित चेहरे शिरकत करेंगे। मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य सरकार के मंत्री लखनलाल देवांगन मौजूद रहेंगे, जबकि अध्यक्षता करेंगे कोंटा विधायक अटल श्रीवास्तव।
साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद, प्रदेश प्रभारी आरिफ खान, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और पूर्व विधायक शैलेश पांडे जैसे कई नेता भी मौजूद रहेंगे।
स्थानीय प्रतिनिधियों की भागीदारी
रतनपुर नगर पालिका अध्यक्ष लवकुश कश्यप, वरिष्ठ नेता अनिल टाह, दुर्गा कश्यप, त्रिलोक श्रीवास, हीरा सिंह मरावी, सुभाष अग्रवाल सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
इंतेज़ामिया कमेटी की तैयारियां पूरी
पूरे कार्यक्रम की ज़िम्मेदारी इंतेज़ामिया कमेटी और मुस्लिम जमात रतनपुर ने संभाल रखी है।
कमेटी के अध्यक्ष वादिर खान, कार्यकारी अध्यक्ष हकीम मोहम्मद, उपाध्यक्ष जिलानी बेग, सचिव हुसैन खान और कोषाध्यक्ष शेख दाऊद मोहम्मद की अगुवाई में आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
लंगर, चादरपोशी और रूहानी एहसास
उर्स के मौके पर लंगर की व्यवस्था रहेगी। चादरपोशी, जियारत और दुआओं के बीच आने वाले जायरीन रूहानी सुकून महसूस करेंगे। अकीदतमंदों का मानना है कि इस दरगाह पर मांगी गई मन्नतें जरूर पूरी होती हैं।
छत्तीसगढ़ में गंगा-जमुनी तहज़ीब की अनोखी मिसाल
जहां रतनपुर मंदिरों के लिए मशहूर है, वहीं हज़रत सैय्यद मूसा शहीद की मजार धार्मिक एकता और सूफियाना तासीर की मिसाल पेश करती है। यही वजह है कि इसे “छत्तीसगढ़ का अजमेर” कहा जाता है।