बिलासपुर

विधायक डॉ. बांधी की मांग पर खूंटाघाट जलाशय में पानी की प्रवाह 3 सौ से बढ़ाकर 750 क्यूसेक किया गया, अब टेल एरिया तक पहुंचेगा पानी कृषि कार्य में आएगी तेजी..@

(खूंटाघाट जलाशय में 96.20 प्रतिशत है जलभराव)

बिलासपुर (रियाज़ अशरफी)| विधायक डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी की मांग के बाद जलसंसाधन विभाग ने पूर्व में खेती के लिए खूंटाघाट जलाशय से नहर में छोड़ें गए पानी की रफ्तार डेढ़ गुना अधिक बढ़ा दी है, अब अल्प वर्षा के कारण किसानों को खेती कार्य मे हो रही परेशानियों से निज़ात मिलेगी वही धान की बोनी मे तेजी भी आएगी।

बता दें कि विधानसभा के उप नेता प्रतिपक्ष एवं मस्तूरी विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने गुरुवार को कमिश्नर के.डी. कुंजाम की अध्यक्षता वाली संभागीय जल उपयोगिता समिति की बैठक में शामिल होकर बेलतरा, सीपत एवं मस्तूरी क्षेत्र के खेतों में सिंचाई के लिए खारंग (खूंटाघाट) जलाशय से पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ें जाने की मांग की थी। विधायक डॉ.बांधी की मांग को कमिश्नर के.डी. कुंजाम और कलेक्टर संजीव कुमार झा ने गंभीरता से लेते हुए खारंग जलाशय से खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ें जाने का निर्णय लिया था। जिस पर जलसंसाधन विभाग ने शुक्रवार को जलाशय से नहर में छोड़ें गए पानी की धारा को 3 सौ से बढ़ाकर 750 क्यूसेक कर दिया है।

डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने बताया कि इस वर्ष अपेक्षा से कम बारिश हुई है जितनी बारिश हुई है वह खेती किसानी के लिए पर्याप्त नही है, यही कारण है कि दिन ब दिन किसानी पिछड़ते जा रही थी और किसान अकाल की आशंका से चिंतित हो रहे रहे, जल उपयोगिता समिति की बैठक में जल संसाधन विभाग से खारँग जलाशय में जल की उपलब्धता की जानकारी मांगी गई विभाग के अनुसार वर्तमान समय में जलाशय में 96.20 प्रतिशत जल भराव है। जो सिंचाई के लिए पर्याप्त जल है। डॉ. बांधी ने कहा की अब टेल एरिया में भी खेती करने वाले किसानों को चिंता करने की जरूरत नही है उनके खेतों तक जलाशय का पानी आसानी से पहुंचेगी।

जनप्रतिनिधियों की मांग पर 15 दिन पूर्व छोड़ा गया था जलाशय से पानी

जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान,छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष राजेन्द्र धीवर एवं जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा की मांग पर खारँग जलाशय से 15 दिन पूर्व 27 जुलाई को तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार के निर्देश पर खेती कार्य मे तेजी लाने के लिए जलाशय से नहर में पानी छोड़ें गए थे। उस वक्त जलाशय में 78.60 प्रतिशत जल का भराव था यही कारण था कि मात्र 3 सौ क्यूसेक पानी जलाशय से दिए जा रहे थे मस्तूरी विधायक की मांग पर समिति ने जरूरत के अनुसार नहरों में सिंचाई का प्रवाह और डेढ़ गुना बढ़ाकर 3 सौ से 750 सौ क्यूसेक कर दिया है।

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