सीपत में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह संपन्न: एक दूजे के हुए 41 जोड़े… विधि विधान से संपन्न हुई शादी की रस्में…जनप्रतिनिधियों ने आशीर्वाद दिया…?

सीपत (रियाज़ अशरफी)। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत बुधवार को महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना सीपत एवं मस्तूरी के संयुक्त तत्वाधान में सीपत के लिटिल लर्नर पब्लिक स्कूल प्रांगण में 41 जोड़ों का विवाह वैदिक रीति रिवाज के साथ सम्पन्न हुआ।

इस मौके पर वर-वधू को आशीर्वाद देने मुख्य अतिथि के रूप में छ ग शासन के मछुआ कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष राजेन्द्र धीवर,पूर्व विधायक दिलीप लहरिया, छ.ग शासन केश शिल्प बोर्ड उपाध्यक्ष चित्रकांत श्रीवास,जिला पंचायत सभापति द्वय राहुल सोनवानी, राजेश्वर भार्गव, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती नूरी दिलेन्द्र कौशिल,सीपत तहसीलदार श्रीमती माया अंचल,जनपद सभापति श्रीमती अंजनी लक्ष्मी साहू, जनपद सदस्य,श्रीमती मेघा सुनील भोई,जनपद सदस्य श्रीमती गौरी अभिलेश यादव, जनपद सदस्य प्रमिलदास मानिकपुरी,सीपत थाना प्रभारी हरीश चंद्र टांडेकर,कांग्रेस नेता दुर्गा तिवारी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारीगण पहुंचे।
अतिथियों ने विवाह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहां की प्रदेश सरकार ने गरीब मां-बाप के कंधों से बेटी के हाथ पीले करने का बोझ भी कम कर दिया है.वर्तमान में प्रत्येक जोड़े की शादी के लिए 25 हजार रुपये शासन से मिल रहे है लेकिन आने वाले दिनों में अब इस योजना के तहत सरकार ने 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है।
इस अवसर पर दिलेन्द्र कौशिल,अभिलेश यादव,लक्ष्मी साहू, डीडब्ल्यू सीडीपीओ उमाशंकर गुप्ता, सीपत एवं मस्तूरी के एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती पूनम कुर्रे,मिलिंद द्विवेदी,पर्यवेक्षक तृप्ति सिंह,अर्चना चौहान,दीक्षा शर्मा,अल्पना दुबे,गायत्री जायसवाल,गतिमा गोस्वामी,हेमलता राठौर सहित अन्य उपस्थित रहे।

उपहार सामाग्री,प्रोत्साहन राशि के साथ प्रमाण पत्र का वितरण किया गया
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने वर-वधुओं को विभाग के अधिकारियों के साथ उपहार सामाग्री,प्रोत्साहन राशि का चेक और विवाह का प्रमाण पत्र वितरण किए। इस सामूहिक विवाह में मस्तूरी से 22 एवं सीपत परियोजना से 19 जोड़ो की शादी हुई।

बैंड बाजे के साथ निकली बारात झूमकर नाचे बाराती
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में विभाग की ओर से वर-वधु पक्ष से 10-10 लोगो को शामिल होने का परमिशन दिया गया था। दूल्हों को मंगल भवन में ठहराया गया था वही से बैंड बाजे के साथ नाचते हुए विवाह स्थल तक पहुंचे जहां पंडित ने विवाह के दौरान वरमाला तथा सात फेरे की रस्में भी पूरी की गई। मौके पर मौजूद लोगों ने वर-वधू को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।