रहस्मयी मौत से उठा पर्दा: कुंआ से मरे हुए मेंढक निकालने उतरे बेटे को बचाने कूदा पिता, दोनों की मौत का राज पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला…?

कशिश न्यूज़|सीपत
थाना क्षेत्र के ग्राम ऊनी में सोमवार की शाम एक रहस्यमयी हादसा हुआ था, जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। घर के आंगन में बने रिंग सिस्टम वाले कुएं में मरे हुए मेंढक के चलते आ रही बदबू से मेंढक को निकालने उतरे बेटे को बचाने पिता ने छलांग तो लगा दी, लेकिन कुछ ही देर बाद दोनों की लाशें कुएं के पानी में तैरती मिलीं। गांव में चर्चा थी कि क्या यह मौत डूबने से हुई या जहरीली गैस या फिर करंट का असर था? अब इस रहस्य से पर्दा पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उठा दिया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला मौत का राज
मस्तूरी बीएमओ डॉ. अनिल सिंह के अनुसार, दोनों की मौत की असली वजह कुएं के पानी में फैला करंट था। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि दोनों के शरीर का खून काला पड़ गया था, और अंशु के नाक और कान में करंट से झुलसने के निशान मिले हैं। इससे यह साफ हो गया कि मौत डूबने या गैस के रिसाव से नहीं, बल्कि बिजली करंट से हुई है।
मेंढक निकालने उतरा बेटा, तड़पता देख कूद पड़ा पिता
जानकारी के मुताबिक कैलाश दास गोस्वामी (40), जो पेशे से ट्रक ड्राइवर था, उसी दिन बलौदाबाजार के अमोदी गांव से लौटकर अपने घर ऊनी आया था। शाम लगभग 5 बजे, उसका बेटा अंशु वैष्णव (15) जो 9वीं का छात्र था, कुएं से बदबू आने पर उसमें मरा मेंढक निकालने उतरा। काफी देर तक जब उसकी कोई आवाज नहीं आई, तो पिता कैलाश ने झांककर देखा की बेटा पानी में तड़प रहा था।बिना वक्त गंवाए कैलाश ने बेटे को बचाने कुएं में छलांग लगा दी। लेकिन कुछ ही मिनटों में दोनों की सांसें थम गईं। बिस्तर पर लेटी बीमार पत्नी किरण जब कुएं तक पहुंची, तो दोनों की लाशें पानी में तैर रही थीं।
बिजली कनेक्शन बना मौत का कारण
कैलाश के छोटे बेटे आर्यन (कक्षा 7वीं) ने बताया कि मामा के घर से लौटने के बाद घर का बिजली कनेक्शन फिर से चालू किया गया था। पीने के लिए जब सबमर्सिबल पंप चालू किया गया, तो बिजली फिर बंद हो गई,बाल्टी से पानी निकालने जब कुंआ के करीब गए तो अंदर से बदबू आ रही थी। मरे हुए मेंढक को निकालने जैसे ही अंशु कुएं में उतरा, तभी पानी मे फैले करंट की चपेट में आ गया।
क्या होता है रिंग सिस्टम कुआं…?
रिंग सिस्टम वाला कुआं आमतौर पर 20-25 फीट गहरा होता है और उसकी गोलाई 3 फीट चौड़ी होती है। इसमें नीचे उतरने के लिए लोहे के एंगल या पत्थर की सीढ़ियां होती हैं। जिस कुएं में यह हादसा हुआ, उसमें सिर्फ 5 फीट पानी था जो डूबने के लिए काफी नहीं था। यही वजह है कि शुरुआत में गैस रिसाव या करंट का संदेह जताया जा रहा था। इस गांव में बोर खनन सक्सेज नही है यही कारण है कि यहां के अधिकांश घरों में रिंग सिस्टम का छोटा कुंआ है।
“सांस चल रही है” कहकर अस्पताल दौड़े, लेकिन…
घटना के बाद गांव वाले और परिजन मौके पर पहुंचे। किसी ने कहा कि अंशु की सांसें चल रही हैं, तो परिजन उसे तुरंत बलौदा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अंशु का शव हॉस्पिटल की मर्च्युरी में रखा गया, जबकि कैलाश का शव देर रात होने की वजह से घर में रखा गया था। अगली सुबह मंगलवार को दोनों का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया।