आम जनता पसीने से तर-बतर है, और बिजली विभाग के नए साहब एयरकंडीशन्ड कमरे में बैठकर “बिजली व्यवस्था” चला रहे हैं वो भी घर से!

सीपत से कशिश न्यूज़ के व्यंग्य संवाददाता की रिपोर्ट
उमस भरी गर्मी चरम पर है तापमान ने आसमान छू लिया है, लेकिन बिजली की व्यवस्था है जो ज़मीन पर औंधे मुंह गिरी पड़ी है। आम जनता पसीने से तर-बतर है, और बिजली विभाग के नए साहब एयरकंडीशन्ड कमरे में बैठकर “बिजली व्यवस्था” चला रहे हैं वो भी घर से!
90 पंचायतों की बिजली की समस्या को साहब ने ऑफिस की फाइलों में हल कर दिया है, लेकिन ज़मीन पर हालात ऐसे हैं कि कूलर,पंखा भी पसीना-पसीना हो गया है। जनता कह रही है “साहब तो बिजली का बटन दबा के सोच रहे होंगे कि गाँवों में उजाला हो गया!”
अब गांव वाले कह रहे हैं इससे अच्छा तो “पुराने साहब ही ठीक थे, कम से कम बिजली का तार पकड़ के दौड़ तो लगाते थे!” लेकिन नए साहब तो मानो “वर्क फ्रॉम होम” को बिजली विभाग में लागू करवा कर ही मानेंगे।
गाँवों में लाइट नहीं, पानी नहीं, पर गर्मी में गुस्सा ज़रूर फुल वोल्टेज पर है। लोग कह रहे हैं – “बिजली आई नहीं, पर बिल जरूर समय पर आया है। लगता है बिल विभाग में पूरी लाइट है!”
अब देखना है कि साहब कब घर से निकलकर ज़मीनी मैदान पर उतरते हैं, या फिर बिजली विभाग को भी “ऑनलाइन मोड” में चलाने का सपना देख रहे हैं!