सीपत-बलौदा सड़क पर कलेक्टर की सख्ती: पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता से बोले- कम से कम चलने लायक तो बना दो…?

कशिश न्यूज|सीपत
क्षेत्र की जनता को बड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि लंबे समय से जर्जर हालत में पड़ी सीपत-बलौदा सड़क को लेकर अब प्रशासन हरकत में आ गया है। बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता सी.एस. विंदयराज को स्पष्ट निर्देश दिए हैं “कम से कम इस सड़क को इतना तो बना दो कि लोग चल सकें।”

बता दे कि सीपत से कुली के लीलागर नदी तक 14 किलोमीटर की सड़क का निर्माण सन 2014 में करीब 17.60 लाख रुपए की लागत से हुआ था और उस समय इसे क्षेत्र की सबसे मजबूत सड़कों में गिना जाता था। लेकिन सालों से मरम्मत नहीं होने और भारी वाहनों के अत्यधिक दबाव ने इसे पूरी तरह से तोड़ दिया है। जो इन दिनों यात्रियों के लिए किसी बुरा सपनो से कम नहीं है। सड़कों पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि बाइक चालकों से लेकर छोटे वाहन चालकों तक सभी जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं। भारी वाहन जैसे ट्रक-ट्रेलर तो किसी तरह से निकल जाते हैं, लेकिन बाकी लोगों के लिए यह रोज का संघर्ष बन गया है।

सालों से मरम्मत नहीं होने और भारी वाहनों के अत्यधिक दबाव ने इसे पूरी तरह से तोड़ दिया है।खांडा के कोलवाशरी मोड़, धनिया के भौराडीह चौक और लीलागर नदी के पास कुली जैसे कई इलाके अब हादसों के स्पॉट में तब्दील हो चुके हैं। प्रदेश की सबसे प्रसिद्ध दरगाह लुतरा शरीफ जाने वाले जायरीन हो या इस क्षेत्र से जुड़े छोटे-बड़े व्यापारी,हर किसी के लिए यह सड़क अब एक पीड़ा बन चुकी है। सालों से शिकायतें और मांगें की जा रही थीं, लेकिन अब जाकर कलेक्टर ने खुद संज्ञान लेकर मोर्चा संभाला है। जनता को फिलहाल राहत तो मिलेगी, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि विभागीय आश्वासन और कलेक्टर की सख्ती वास्तव में जमीन पर कब दिखेगी। सड़क के गड्ढों से गुजरते हर मुसाफिर की निगाहे अब इस बात पर टिकी है की इस बार सिर्फ लीपापोती नहीं, असली मरम्मत होगी या नहीं ?
विभाग के कार्यपालन अभियंता बोले
लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता सी.एस. विंदयराज ने बताया कि,
“सीपत से लीलागर नदी तक नई सड़क के लिए 22 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिसे 2024-25 के बजट में शामिल करने की मांग की गई है। स्वीकृति मिलते ही नई सड़क बनेगी।”
फिलहाल जहां-जहां सड़क की हालत सबसे बदतर है, वहां अस्थाई मरम्मत कर उसे “चलने लायक” बनाने का काम शुरू किया जा रहा है। इसके साथ ही, पेट्रोल पंपों के पास नालियों की सफाई और अतिक्रमण हटाने को लेकर भी सख्ती की जा रही है।